हम्बोल्ट एक साहासिक यात्री था।साहसी हम्बोल्ट एक जगह बैठने वाला व्यक्ति नही था उसका मानना था भूगोल प्रेक्षण ,अवलोकनोंऔर क्षेत्र कार्य के द्वारा ही अध्ययन किया जा सकता है
सन1800
मे हम्बोल्ट ने ओरिनीको नदी की खोज की और यह भी बताया की उसका अमेज़न से जुड़ाव है हम्बोल्ट
ने स्थानो का सही मापन लेकर अक्षांश देशांतर
को स्थापित किया।
हम्बोल्ट
ने वायु के कम दबाव से चक्कर आने की स्थिति के अनुभव को स्पस्ठ किया था जैसा की हम
जानते है की जैसे जैसे हम उचाई पर जाते है आक्सीजन की कमी होती है
हम्बोल्ट एंडीज़ को दक्षिण की ओर पार करते हुए
लीमा पहुचे पेरु के तट पर गुआनाचिड़िया की बीट दिखी जो एक अच्छी खाद थी
सन1801 मे हम्बोल्ट
कोलम्बिया आ गए जहा से एंडीज़ एक्वेडोर और पेरु गए इस पहाड़ी इलाको की उचाई तापक्रम व वनस्पति का उन्होने
वैज्ञानिक अध्ययन किया उसने एक्वेडोर के अनेकों
ज्वालामूखी के क्रेटर मे उतर कर निस्रप्त गैसों का अध्ययन किया
सन 1829 मे हम्बोल्ट को रूसी जार , पिटसबर्ग मे आमंत्रित किया और यूराल पर्वतों के पार साइबेरिया कि अप्रयुक्तभूमि कि खोज का कार्य सौपा । हम्बोल्ट ओमसक ओरेनबर्ग और अस्तराखान से गुजरता हुआ कैस्पियन सागर के तटीय मैदानी भागो का सर्वेक्षण किया
अतएव हम्बोल्ट ने भूगोल के विभिन्न
पक्षो अपना योगदान दिया।

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