मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

साहित्य नोबल पुरस्कार 2024


 इस वर्ष का साहित्य का नोबल पुरस्कार साउथ कोरियाई लेखिका हेन कांग  को मिला है हेन कांग एक विलक्षण लेखिका है ।ये अपनी अनोखी और गहरी कहानियो के लिए पहचानी जाती है ।इन्होनेअपने साहित्यिक करियर की शुरुवात 1990 के दशक से की।इनकी पहली पुस्तक  द फ़्रोजन ह्यूमन 1995 मे प्रकाशित हुई थी 

हान कांग  की प्रमुख कृतियां

1-द वेजेटेरियन (2007)           2-ह्यूमन एक्टस(2014)           3- द व्हाइट बुक(2016)

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2024

 



ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2024मे भरात का स्थान 127 देशों मे 105वां है । हालांकि पिछले सालो की तुलना मे  इस साल भारत की रैंक मे सुधार हुआ है ।भारत की रैंकिंग अपने पड़ोसी देशों श्रीलंका ,नेपाल ,म्यांमारऔर बांग्लादेश से पीछे है , जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से केवल ऊपर है 

श्रीलंका 56,नेपाल 68 और बांग्लादेश 84 वें स्थान पर है ।

गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024

पृथ्वी की गतियाँ

 हमारी पृथ्वी दो प्रकार से गति कर रही है 

1-घूर्णन: पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती  है ,जिसे घूर्णन कहते है पृथ्वी को एक घूर्णन पूरा  करने मे 23 घंटे 56 मिनट4 सेकंड का समय लगता है ।पृथ्वी  की घूर्णन गति भूमध्य रेखा पर  सर्वाधिक 27.8 किलोमीटर प्रति मिनट है।

2-परिभ्रमण: पृथ्वी  सूर्य के चारो ओर घूमती है जिसे परिभ्रमण कहते है। पृथ्वी सूर्य के चारो ओर वामवर्त दिशा मे चक्कर लगाती है। पृथ्वी को सूर्य के चारो ओर एक  चक्कर लगाने मे 365.242 दिन का समय लगता है।  पृथ्वी की परिक्रमण गति 107226 किलोमेटर प्रति घंटा है।


मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024

भौतिकी नोबल पुरस्कार 2024

 








इस साल के फिजिक्स के नोबल पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है।इस वर्ष भौतिकी के क्षेत्र यह  पुरस्कार जॉनजे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई.हिंटन को दिया गया है। इन दोनों ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नए द्वार खोले है जॉन जे. हॉपफील्ड ने एसोसिएटिव मेमोरी की खोज की, जो डेटा मे पैटर्न  को स्टोर और रिकंस्ट्रक्ट कर सकती है  इस खोज ने आर्टिफिशियल  न्यूरल नेटवर्क के विकास मे महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है ।

शनिवार, 5 अक्टूबर 2024

कार्ल रिटर(1779-1859)








कार्ल रिटर(1779-1859)

कार्ल रिटर हम्बोल्ट के समकालीन भूगोलवेत्ता थे। वह प्रखर बुद्धि ,प्रतिभावान व्यक्ति थे। वो ईश्वर पर आस्था   रखता था। वह अनुभविक शोध मे विश्वास व्यक्त वाला, क्षेत्र- कार्य को मनाने वाला  भूगोलवेत्ता था ।उन्होने भूगोल को एक वैज्ञानिक अनुशासन के रूप मे विकसित करने मे महत्तवपूर्ण योगदान दिया।
रिटर ने प्रादेशिक भूगोल मे तुल्नात्तमक विधि का शुरूवात किया।


विविधता मे एकता का नियम

रिटर ने विविधता मे एकता के आधारभूत नियम का विकास किया । मानव के आवास मे मूल -नियम जैविक एवं अजैविक घटक मे निहित आधारभूत एकता है ।

रिटर का नज़रिया यह था कि धरती के विभिन्न हिस्सों मे भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ मानव समाज के विकास और उनके इतिहास को प्रभावित  करती है । उन्होने भूगोल को  केवल स्थानों के विवरण के रूप मे नही देखा, अपितु इसे  मानवता और प्रकृति के बीच के संबंधों को समझने का एक महत्त्वपूर्ण साधन माना।

भूगोल मे  रिटर का सिद्धांत

1-भूगोल  का एतिहासिक दृष्टिकोण। 
2- पर्यावरणीय निर्धारणवाद
3-भौगोलिक एकताऔर  समग्र दृष्टिकोण।
4-मानव और प्रकृति संबंध
5-भूगोल और ईस्वर

रिटर कि रचनाए

1- एर्ड्कुन्डे  रिटर कि यह प्रमुख रचना थी जिसका अर्थ है  पृथ्वी का अध्ययन प्रक्रति और मानव इतिहास के संबन्ध मे इस पुस्तक मे  प्रमुख रूप से  यूरोप, एशिया और अफ्रीका के क्षेत्रो विश्लेषण किया  गया है।

2-यूरोप का एतिहासिक,भौगोल तथा संख्याकीय चित्रण 1804

3- यूरोप का प्राकृतिक संसाधनो के छ: 6 मानचित्र

4- काला तथा केस्पियन सागर के मध्य के प्रदेशों का मानव स्थानांतरण






शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024

हम्बोल्ट की साहसिक यात्राए

हम्बोल्ट एक साहासिक यात्री था।साहसी हम्बोल्ट एक जगह बैठने  वाला व्यक्ति नही था उसका मानना था भूगोल प्रेक्षण ,अवलोकनोंऔर क्षेत्र कार्य के द्वारा ही अध्ययन किया जा सकता है

सन1800 मे हम्बोल्ट ने ओरिनीको नदी की खोज की और यह भी बताया की उसका अमेज़न से जुड़ाव है हम्बोल्ट ने स्थानो का सही  मापन लेकर अक्षांश देशांतर को स्थापित किया।

 हम्बोल्ट ने वायु के कम दबाव से चक्कर आने की स्थिति के अनुभव को स्पस्ठ किया था जैसा की हम जानते है की जैसे जैसे हम उचाई पर जाते है आक्सीजन की कमी होती है

हम्बोल्ट एंडीज़ को दक्षिण की ओर पार करते हुए लीमा पहुचे पेरु के तट पर गुआनाचिड़िया की बीट दिखी जो एक अच्छी खाद थी

सन1801 मे हम्बोल्ट कोलम्बिया आ गए जहा से एंडीज़ एक्वेडोर और पेरु गए  इस पहाड़ी इलाको की उचाई तापक्रम व वनस्पति का उन्होने वैज्ञानिक अध्ययन किया उसने एक्वेडोर के अनेकों ज्वालामूखी के क्रेटर मे उतर कर निस्रप्त गैसों का अध्ययन किया

सन 1829 मे हम्बोल्ट को रूसी जार , पिटसबर्ग मे आमंत्रित किया और यूराल पर्वतों के पार साइबेरिया कि अप्रयुक्तभूमि कि खोज का कार्य सौपा । हम्बोल्ट ओमसक ओरेनबर्ग और अस्तराखान से गुजरता हुआ कैस्पियन सागर के तटीय मैदानी भागो का सर्वेक्षण किया

अतएव हम्बोल्ट ने भूगोल के विभिन्न पक्षो अपना योगदान दिया।

 

 

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024

नात्सी जर्मनी की नीति का उल्लेख और इसके क्या परिणाम

 

नात्सी जर्मनी की नीतियों और उनके परिणामों पर चर्चा करते समय, हमें 1933 से 1945 तक की अवधि पर ध्यान केंद्रित करना होगा जब एडोल्फ हिटलर और उसकी नात्सी पार्टी जर्मनी पर शासन कर रही थी। इस समय की प्रमुख नीतियों और उनके परिणामों का विवरण इस प्रकार है:

नात्सी नीतियाँ

  1. एकलदलीय शासन और राजनीतिक विरोध का दमन:
    • नात्सी पार्टी ने सभी विपक्षी दलों को निषिद्ध कर दिया और एकलदलीय शासन स्थापित किया।
    • राजनीतिक विरोधियों, जैसे कम्युनिस्टों और सोशल डेमोक्रेट्स, को गिरफ्तार कर लिया गया, यातनाएँ दी गईं और मारे गए।
  2. नस्लीय नीतियाँ और यहूदी विरोधी अभियान:
    • नात्सियों ने आर्यन नस्ल को श्रेष्ठ मानते हुए गैर-आर्यन, विशेषकर यहूदियों के खिलाफ, भेदभावपूर्ण नीतियाँ अपनाईं।
    • नूरेमबर्ग कानून (1935) ने यहूदियों के नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया और उन्हें समाज से अलग कर दिया।
    • हिटलर की योजना के तहत "अंतिम समाधान" (Final Solution) के दौरान लाखों यहूदियों को होलोकॉस्ट में मारा गया।
  3. आर्थिक नीतियाँ:
    • बेरोजगारी को कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कार्य कार्यक्रम (जैसे ऑटोबान निर्माण) शुरू किए गए।
    • युद्ध अर्थव्यवस्था के लिए भारी हथियारों का उत्पादन किया गया।
  4. सैन्य विस्तार और आक्रामकता:
  • ·  वर्साय संधि की शर्तों का उल्लंघन करते हुए जर्मनी ने पुनः सैन्यीकरण किया।
  • हिटलर ने ऑस्ट्रिया का विलय (Anschluss) किया और चेकोस्लोवाकिया के सूडेटलैंड पर कब्जा किया।
  • 1939 में पोलैंड पर आक्रमण के बाद द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया।

·  प्रचार और जनसंहार (Propaganda and Genocide):

  • जोसेफ गोएबल्स के नेतृत्व में प्रचार मंत्रालय ने नात्सी विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया और जनता को प्रभावित किया।
  • नात्सी शिक्षा प्रणाली और युवा संगठन (Hitler Youth) का उपयोग युवा पीढ़ी को नात्सी विचारधारा में दीक्षित करने के लिए किया गया।

नात्सी नीतियों के परिणाम

  1. द्वितीय विश्व युद्ध:
    • 1939 से 1945 तक चलने वाला युद्ध, जिसमें लगभग 70-85 मिलियन लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।
        • यूरोप का व्यापक विनाश और विभाजन, विशेषकर जर्मनी का विभाजन।
      1. होलोकॉस्ट:
        • लगभग 6 मिलियन यहूदियों और लाखों अन्य लोगों (जैसे रोमा, पोलिटिकल प्रिजनर्स, और समलैंगिकों) की हत्या की गई।
      2. आर्थिक और सामाजिक विनाश:
        • युद्ध के कारण जर्मनी की अर्थव्यवस्था और संरचना को भारी नुकसान पहुँचा।
        • लाखों लोग बेघर हो गए और शरणार्थी बन गए।
      3. नात्सी नेताओं का न्याय:
        • युद्ध के बाद नूरेमबर्ग ट्रायल में प्रमुख नात्सी नेताओं को युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और कई को फांसी दी गई।
      4. संयुक्त राष्ट्र का गठन:
        • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शांति और सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई।
      5. शीत युद्ध की शुरुआत:
        • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व दो महाशक्तियों, अमेरिका और सोवियत संघ, में बंट गया, जिससे शीत युद्ध की स्थिति उत्पन्न हुई।

      नात्सी जर्मनी की नीतियों का प्रभाव न केवल जर्मनी बल्कि पूरे विश्व पर पड़ा, और इनसे निकली त्रासदियों और विनाश के परिणामस्वरूप वैश्विक राजनीति और सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव आए।

       

       

साहित्य नोबल पुरस्कार 2024

 इस वर्ष का साहित्य का नोबल पुरस्कार साउथ कोरियाई लेखिका हेन कांग  को मिला है हेन कांग एक विलक्षण लेखिका है ।ये अपनी अनोखी और गहरी कहानियो क...